“घटना का घटना आपके हाथ में नहीं है, घटना में रंग भरना आपके हाथ में है।”
यह सिर्फ़ एक पंक्ति नहीं, बल्कि जीवन का मूल मंत्र है। और यही मंत्र आपको मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मोटिवेशनल स्पीकर श्री सोनू शर्मा जी की नई और बहुप्रतीक्षित पुस्तक “सफलता के 24 अध्याय” में। दिशा प्रकाशन, नयी दिल्ली द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक उस बीज की तरह है जिसे इस पुस्तक के लेखक श्री सोनू शर्मा जी ने अपने ज्ञान के प्रकाश, विचारों की खाद और अनुभवों के जल से सींचा है। पूरी उम्मीद है कि यह बीज बहुत ज़ल्द ही ज्ञान का एक विशाल वटवृक्ष बनेगा, जो लंबे समय तक लोगों को जीवन की राह में एक आरामदायक छाँव प्रदान करेगा।
आज की तेज़-तर्रार दुनिया में हर कोई सफलता चाहता है, लेकिन रास्ता कहाँ है? यह पुस्तक वही राह दिखाती है। इसमें ऐसे 24 अध्याय हैं, जो हर युवा, हर पेशेवर और हर सपने देखने वाले इंसान के जीवन को दिशा देंगे।
भव्य लोकार्पण – प्रेरणा का उत्सव
28 सितंबर 2025 को नई दिल्ली के द क्लैरिजेस होटल में इस पुस्तक का भव्य लोकार्पण हुआ। यह अवसर सचमुच प्रेरणा का उत्सव बन गया, जहाँ शिक्षा, आध्यात्म, फ़िल्म और साहित्य जगत की कई जानी-मानी हस्तियाँ एकत्र हुईं। समारोह के विशेष अतिथियों में अंतर्राष्ट्रीय बिज़नेस कोच डॉ. विवेक बिंद्रा, वरिष्ठ अभिनेता यशपाल शर्मा, जगतगुरु स्वामी सतीश आचार्य, भजन गायिका सुश्री देवी चित्रलेखा, तथा प्रवक्ता एवं विचारक श्री शहज़ाद पूनावाला शामिल थे।
अपने संबोधन में श्री शहज़ाद पूनावाला ने इस पुस्तक को “विचारों का महाकुंभ” कहा और युवाओं को इसे जीवन की दिशा तय करने वाला अनमोल ग्रंथ बताया। वहीं सभी गणमान्य अतिथियों ने एक सुर में कहा- “यह सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि आज के युवाओं के लिए जीवन का रोडमैप है।”
24 अध्याय = 24 जीवन-मंत्र
इस पुस्तक का हर अध्याय सफलता की एक नई कुंजी खोलता है। और सबसे ज़रूरी कुंजी है- पैसे की अहमियत- जिसको आज ज़्यादातर लोग समझते ही नहीं।
आज की दुनिया में सिर्फ़ मेहनत करने से काम नहीं चलता, समझदारी से कमाना और सही दिशा में लगाना ज़रूरी है। पुस्तक बताती है कि पैसे को केवल खर्च करने की चीज़ मत समझो, बल्कि इसे आज़ादी, आत्मनिर्भरता और सपनों को सच करने का साधन मानो।
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पैसे की अहमियत – “धन सिर्फ़ ज़रूरतें पूरी नहीं करता, बल्कि आपके सपनों को हक़ीक़त बनाने की ताक़त देता है।”
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खुद पर विश्वास करें – “खुद पर भरोसा = सफलता की पहली सीढ़ी।” जब आत्मविश्वास मज़बूत होता है, तो बड़े से बड़ा सपना भी हासिल किया जा सकता है।
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लक्ष्य निर्धारण – “बिना लक्ष्य इंसान, बिना दिशा की नाव जैसा है।” यहाँ सिखाया गया है कि लक्ष्य स्पष्ट हो तो राहें खुद बन जाती हैं।
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पॉज़िटिव थिंकिंग – “आपकी सोच = आपकी हकीकत।” नकारात्मक सोच बाधा है, सकारात्मक सोच समाधान।
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दृढ़ इच्छाशक्ति – “Willpower = Success Power.” बार-बार गिरने के बाद उठना ही असली जीत है।
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धैर्य की शक्ति – “बीज बोने के बाद तुरंत फल नहीं मिलता।” जो धैर्य रखता है, वही बड़ी सफलता पाता है।
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नेतृत्व कौशल – “लीडर आदेश नहीं देता, ज़िम्मेदारी लेता है।” सच्चा लीडर वही है जो खुद मिसाल पेश करता है।
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गुरु की महत्ता – “Guru = Ultimate Guide.” गुरु वह आईना है जो आपको आपका असली सामर्थ्य दिखाता है।
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लव योर पेरेंट्स – “Respect Parents = Respect Life.” जिनके आशीर्वाद से कदम बढ़ते हैं, उनकी इज़्ज़त करना ही सच्ची तरक्की है।
और सबसे ख़ास बात- इस किताब में श्रीराम का आदर्श, श्रीकृष्ण की नीति, हनुमान जी की अटूट निष्ठा और चाणक्य की नीति को आज की चुनौतियों से जोड़कर पेश किया गया है। यही इसे सिर्फ़ एक पुस्तक नहीं, बल्कि जीवन का रोडमैप बना देता है।
सोनू शर्मा जी का संदेश
पुस्तक विमोचन पर पुस्तक के लेखक सोनू शर्मा जी ने कहा, “सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि धैर्य, अनुशासन और निरंतर प्रयास की यात्रा है। यदि हर युवा अपनी क्षमताओं को पहचान कर सही दिशा में कदम बढ़ाए, तो भारत निश्चित ही विश्व नेतृत्व की भूमिका निभाएगा।”
क्या आप तैयार हैं अपनी क्षमताओं को पहचानने के लिए?
राष्ट्र निर्माण से जुड़ती प्रेरणा
इस पुस्तक की खासियत यह है कि यह केवल पर्सनल सक्सेस की बात नहीं करती, बल्कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर भी ज़ोर देती है। पुस्तक विमोचन के अवसर पर दिशा पब्लिकेशन के निदेशक अविनाश अग्रवाल ने कहा, “जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, तब ऐसी पुस्तक युवाओं में उद्यमिता, नेतृत्व और नवाचार की ज्वाला प्रज्वलित करती हैं।”
क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
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यह आपको आलस, नशा और सोशल मीडिया जैसी आदतों से सावधान करती है।
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यह सिखाती है कि ज्ञान तभी सार्थक है, जब उसे कर्म में उतारा जाए।
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यह दिखाती है कि पैसा सिर्फ़ साधन है, साध्य नहीं।
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यह प्रेरित करती है कि सपनों को केवल देखें नहीं, बल्कि जीएँ।
अगर आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं, तो सिर्फ़ पुस्तकें मत पढ़िए… सही पुस्तक पढ़िए। और “सफलता के 24 अध्याय” वही पुस्तक है, जो आपकी सोच, आपकी आदतें और आपकी दिशा बदल देगी।
सफलता पाने का सपना हर किसी का होता है, लेकिन सपनों से हक़ीक़त का सफर तय करने के लिए चाहिए अनुशासन, सही सोच और मार्गदर्शन। यही मार्गदर्शन आपको मिलेगा इस पुस्तक में।
यह सिर्फ़ पुस्तक नहीं, बल्कि एक मेंटर, एक दोस्त और एक रोडमैप है।
इसे पढ़िए, अपनाइए और अपनी ज़िंदगी को नई ऊँचाइयों पर ले जाइए।
और हाँ- इसे अपने दोस्तों और परिवार को recommend करना मत भूलिए, क्योंकि सफलता बाँटने से कम नहीं होती, बल्कि बढ़ती है।
अगर आप अपनी सोच को नई ऊँचाइयों तक ले जाना चाहते हैं और जीवन में वास्तविक सफलता पाना चाहते हैं, तो “सफलता के 24 अध्याय” आपका पहला कदम हो सकता है।
आज ही अपनी कॉपी लीजिए — और अपने सपनों को हकीकत में बदलने की यात्रा शुरू कीजिए।